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Writer's pictureDr. Ujjwal Patni

सबको खुश करना संभव नहीं, ना कहना सीखें !


आज मैं एक असाधारण कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ। यह कहानी आपके जीने का और आपके सोचने का तरीका बदल देगी।


एक बच्चा समुद्र के किनारे ज़ोर -ज़ोर से रो रहा था। आसपास के लोगों ने रोने का कारण पूछा।बच्चा बोला, यह समुद्र मेरी चप्पल लेकर चला गया, यह चोर है, यह गलत है। वह ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और उसने रेत पर लिखा - समुद्र चोर है।


थोड़ी दूर पर एक मछुवारा बैठकर आँसू बहा रहा था क्योंकि समुद्र की तेज लहरों में आज उसकी छोटी सी एकमात्र नाव डूब गयी थी। उसने जितनी मछलियाँ पकड़ी थी, वह सब नाव के साथ ही डूब गयी । किसी तरीके से वह जान बचाकर किनारे तक आया और अब उसको यह नहीं पता था कि अब आगे ज़िंदगी वो कैसे जिएगा । वो लगातार समुद्र को कोसता रहा।



कुछ और दूर एक माँ आँसू बहा रही थी। जब किसी ने पूछा तो उसने कहा कि आज मेरी बिटिया को समुद्र ने निगल लिया है। और बाद में पता चला कि छोटे- छोटे बच्चे समुद्र में आगे तक चले गए थे और उसमें से एक बच्ची काल का ग्रास बन गयी।हवा जो समुद्र की दोस्त थी, ये सब सुन रही थी। वो समुद्र से कहती है, क्यों लहरें लेकर आते हो तुम बार- बार तट पर? क्या तुमको बुरा नहीं लगता इतनी नकारात्मक बातें सुन कर?


समुद्र शांति से कहता है कि कल इस बारे में बात करेंगे।



हवा अगले दिन फिर आती है तो देखती है कि एक बच्चा खुशी से कूद रहा है और नाच रहा है। नाचते -नाचते वह अपनी माँ से कह रहा है कि अभी लहरों से एक बॉल मेरे पास आ गयी। समुद्र अंकल ने मुझे कितनी प्यारी गिफ्ट दी। वह बच्चा खुश हो कर समुद्र को धन्यवाद कर रहा था।


कुछ दूर पर एक मछुवारा अपने हाथ जोड़ कर दोनों घुटनों के बल बैठकर समुद्र को धन्यवाद दे रहा था कि हे पालनहार, मुझे आज पैसों की बहुत जरूरत थी। आज तुमने मुझे इतनी सारी मछलियाँ दी कि मेरे परिवार के सभी काम हो जाएंगे।हवा ने थोड़ा आगे जाकर देखा कि एक मूंगफल्ली बेचने वाली खुशी से पागल सी हो गयी थी ,मानो चेहरे पर हजारों बल्ब जल रहे हों । पूछने पर पता चला कि आज समुद्र ने किनारे पर एक सीप फेक दिया था और जब उस महिला ने उस सीप को खोला तो उसके अंदर एक असली मोती मिला। उसको पता था यह कीमती मोती काफी पैसे देकर जाएगा और मेरी सारी जरूरतें पूरी हो जाएगी।


अब यह देखकर हवा को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या कहें।


समुद्र मुस्कुराते हुये कहता है कि मेरा काम है रोज़ तट पर आना । जिसका अच्छा होता है वह खुश होता है और जिसका नही होता, वह दुखी होता है। क्या इन सबकी बात सुनकर मैं काम छोड़ दूँ और यदि सुनूँ तो किसकी बात सुनूँ ? कल वाले दुखियों की सुनूं कि आज वालों की खुशी की सुनूं।


साथियों, हम सब की ज़िंदगी भी ऐसी ही है । हम सब एक सपने के लिए आगे बढ़ते है। कोई हमको रोकता है, तो कोई कोई हौसला देता है। जो ज़िंदगी में खुद नहीं कर पाये, उनको लगता है कि कोई और भी नहीं कर पाएगा। जब भी आप किसी बड़ी उपलब्धि के लिए बढ़ेंगे, कोई ना कोई प्रश्न चिन्ह लगाएगा। दुनिया की रीत ये है कि कोई आपका मज़ाक उड़ाएगा, कोई आपको पुरानी असफलता याद दिलाएगा और कोई आपको मुश्किलें बताएगा। जो लोग आपकी काबिलियत के बारे में कुछ नहीं जानते, वो भी बिना कारण राय दे देंगे।


इन्ही के बीच काम संख्या में सही, ऐसे लोग भी मिलेंगे जो आपको मोटीवेट करेंगे। आप किसकी सुनेंगे, इससे आपका जीवन तय होगा। आप लोगों का बोलना बंद नहीं कर सकते लेकिन आप किसको सुनेंगे, यह तय कर सकते हैं।



ये सच गांठ बांध लीजिये कि सबको खुश करना संभव नही है। ये करने की कोशिश करेंगे तो खुद भीतर से दुखी हो जाएंगे। कभी कभी दृढ़ होकर आपको दूसरों को ना कहना ही होगा। जब तक आप भीतर से खुश नही होंगे, तक आप दूसरों को सच्ची खुशी नही दे सकते।


इस सप्ताह 4 काम ऐसे कीजिए जिनसे आपको बेहद शक्तिशाली महसूस होगा:

  1. जिन नकारात्मक लोगों के पास जाकर आपकी ऊर्जा और हिम्मत कम होती है, इस सप्ताह उन्हें नजरअंदाज कीजिये।

  2. कोई काम आपको ना करना हो या पसंद ना हो तो दिल पर बोझ ना लेते हुए, मन कड़ा करके इस सप्ताह विनम्रता से ना कह दीजिये। जहां ना कहने का दिल करे, वहां हां मत बोलियेगा।

  3. इस सप्ताह 5 ऐसे लोगों से मिलिए जिनसे मिलकर आप दिन भर उत्साह से भरे रहते हों।

  4. इस सप्ताह हर दिन '10 टास्क लिस्ट' बनाइये अर्थात वो 10 काम जो आप हर हाल में उस दिन करेंगे। किसी भी दूसरे की राय को अपनी योजना में दखल मत देने दीजिये।


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