अक्सर लोगों की सलाह होती है कि दोस्ती हमेशा बराबर वालों की ही अच्छी होती है अर्थात जिनके विचार और वित्तीय परिस्थिति बराबर की हो, केवल उन्हीं लोगों में घनिष्ठ संबंध होने चाहिए।
मैं आज इस सोच और विचार को खारिज करता हूँ क्योंकि यह सोच आपकी सफलता और तरक्की के रास्ते की सबसे बड़ी बाधा है|
जब आपकी दोस्ती, उठना-बैठना और विचारों का आदान-प्रदान सिर्फ और सिर्फ आपके बराबर वालों से होगा तो आपकी सोच में, आपकी सामाजिक या वित्तीय परिस्थिति में बदलाव किस तरह आएगा| आप किस प्रकार से अपने आपको और भी बेहतर सिद्ध कर सकेंगे|
आप यदि अपने बराबरी वालों के साथ ही अपना समय व्यतीत करेंगे तो आप सीमित रह जाएंगे| जब आपकी समस्या, दुविधा और बाधाएं मिलती-जुलती हैं और सभी उनमें फंसे हुए हैं, तो उनको हराने की नयी सोच कहाँ से आएगी।
हाल ही कि सफल फिल्म गल्ली बॉय में पिता जब अपने पुत्र मुराद से यह कहते हैं “हम लोगों कि जिंदगी आसान नहीं है, हम लोग बड़ा कदम नहीं उठा सकते, हमारा सपना हमारी सच्चाई से मेल खाना चाहिए” तो पुत्र अर्थात रणवीर सिंह जवाब देता है कि मैं अपने सपनों को सच्चाई से मेल खाने के लिए नहीं बदलूँगा बल्कि अपनी सच्चाई को बदलूँगा कि वो मेरे सपने से मेल खाए”
आपको इन बाधाओं को हराने का हल उनसे मिल सकता है जो इन बाधाओं को हरा कर आगे बढ़ें हैं या डटे हुए हैं| आपको नए अवसरों को पाने की ललक, उनको हासिल करने का जज़्बा उनको देख कर मिल सकता है जिन्होंने उन अवसरों को पा लिया है| आप केवल उनसे प्रेरित हो सकते हैं जिनके जीवन में क्रान्ति आई हो और उन्होंने कोई उपलब्धि हासिल की हो|
मैं अपने बराबरी में दोस्ती करने वाली इस धारणा और इससे जुड़े पुराने नियम को तोड़ना चाहता हूँ| आपकी कोशिश यह होनी चाहिए की अपने से बेहतर सोच वाले, अचीवर और ज़्यादा समझदार व्यक्ति के साथ आपका उठना बैठना हो| आप आज से ही प्रयास कीजिए कि आपकी संगति उन व्यक्तियों से हो जो आप से हर क्षेत्र में बड़े और बेहतर पायदान में हों|
बड़े या बेहतर से मेरा तात्पर्य उन व्यक्तियों से है जो किसी गुण, आर्थिक परिस्थिति या तकनीकी जानकारी में आपसे श्रेष्ठ हैं| वह लोग जिनके ज्ञानआपसे बेहतर है, जो आपसे कहीं अधिक जागरूक है, जिनका सामाजिक और व्यापारिक नेटवर्क इतना जबर्दस्त है कि तरक्की के कई अवसर केवल उनसे मिल कर आपका दरवाजा खटखटाएंगे।ऐसे व्यक्ति जिन्होंने अपने जीवन की चुनौतियों को हरा कर कुछ हासिल किया है वही आपको सही दिशा-निर्देश दे सकते हैं| ऐसे व्यक्ति जो शारीरिक, मानसिक या आर्थिक बाधा के बावजूद तटस्थ हो कर संघर्ष करते रहें हैं|
आप कोशिश कीजिए कि बड़े लोगों के साथ समय बिता सकें और उनका सामीप्य पा सकें क्योंकि इनके साथ रह कर ही आपके जीवन में निश्चित ही अच्छा होगा। | सफल और बड़े व्यक्तियों के साथ रह कर ही आप अपनी वर्तमान चुनौतियों से पार पाने का रास्ता निकाल पाएंगे।जब आप कोई नया देश घूमने-फिरने जाते हैं तो आप सलाह किसी ऐसे व्यक्ति से लेंगे जो उस देश में गया हो या वहाँ के बारे में गहराई से जानता है। किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, कहाँ खाने-पीने की व्यवस्था उत्तम है या किस जगह ठहरने से सुविधा होगी इस तरह की सूचना आपको केवल वही व्यक्ति दे सकता है जिसने इन सभी को महसूस किया हो| जो कभी वहाँ गया ही नहीं हो, जानकार ही ना हो, या जिसने खुद उस जगह को कभी भी महसूस ही नहीं किया हो तो आप आपस में जितनी भी बात-चीत कर लें कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा|
आप यदि हर पल अपने जैसे सोचने वाले लोगों के साथ रहते हैं तो यह तय है की आप अपनी वर्तमान बाधाओं से पार कर अगले लेवेल पर कभी नहीं पहुँच पाएंगे| आप अपनी सफलता और कामयाबी का स्वप्न देखने की बात तो भूल ही जाइए क्योंकि आप छोटी छोटी समस्याओं में ही उलझे रह जाएंगे।
अपने बराबर के लोगों से संगति करने की पुरानी सोच की जंजीरों को तोड़ कर आज से प्रयास करो कि आपकी संगति अपने से बेहतर लोगों से हो|
आप उन लोगों से मेलजोल बढ़ाने का प्रयत्न करें जिनको अपने फील्ड में वर्चस्व हासिल हो और जो अपने कार्य में श्रेष्ठ हों|
आप इन लोगो के बीच उठना-बैठना करो जिनके व्यक्तित्व में गरिमा हो और जिनके साथ बैठकर आपके जीवन में भी ऊंचाई आए।
सफलता की आदतों पर आधारित हमारा कार्यक्रम वीआईपी में इस आदत पर सबसे ज्यादा ज़ोर देते हैं क्योंकि अधिकांश लोग अपनी वर्तमान संगत के चक्र से बाहर नहीं निकाल पाते। उनको अपमान को भय होता है। उंनको लगता है की हमसे बेहतर व्यक्ति हमें क्यों स्वीकार करेगा। इसीलिए मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि बेहतर लोगों से जुडने के इस प्रयास में कभी ईगो को चोट पहुंचे तो भी रुकना मत। संभव है वो आपको थोड़ा घुमाए या महत्व ना दे तो भी डटे रहें क्योंकि आपके जीवन का सपना एक छोटे से अपमान से कहीं ज्यादा बड़ा है।
"याद रखिए जिस तरह लंबी दूरी की यात्रा में छोटे मोटे गड्ढों या स्पीडब्रेकर की परवाह नहीं की जाती, उसी तरह लंबी दूरी की सफलता के लिए अपनी छोटी इगो की चिंता मत कीजिए|"
औसत लोगों के बीच उनका मुखिया बन कर बैठने से अच्छा है बेहतर लोगों के बीच कुछ दिन औसत बन कर रहना जिससे कि बेहतर बना जा सके। हम सभी को वह लोग पसंद आते हैं जो हमारी हाँ में हाँ मिलाएं या जिनके साथ बैठ कर हमको छोटा महसूस ना हो लेकिन इन लोगों का साथ शिखर पर नहीं ले जा सकता।
सार यह है कि यदि जीवन में बड़ा बनना है,उपलब्धि हासिल करनी है, जीवन में क्रान्ति लानी है तो आज इसी क्षण से ही अपने से बेहतर लोगों के साथ उठना-बैठना शुरू कीजिए|
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